भारतीय अर्थव्यवस्था और जीडीपी: एक व्यापक दृष्टिकोण
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से भारतीय अर्थव्यवस्था एक है, ने पिछले कुछ वर्षों में अपने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में उल्लेखनीय वृद्धि की है। भारतीय अर्थव्यवस्था की मौलिक बातें, इसके विकास की चुनौतियाँ और अवसर, और जीडीपी के आंकड़े इस लेख में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था का परिचय-
भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो $3.95 ट्रिलियन के आसपास है। भारत की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, उद्योग, और सेवा क्षेत्र पर आधारित है। 2023-24 के वित्तीय वर्ष के लिए भारत का जीडीपी वृद्धि दर 8.2% रहने की उम्मीद है।
जीडीपी का महत्व-
जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत का एक प्रमुख संकेतक है। यह एक वर्ष में एक देश में निर्मित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है। उच्च जीडीपी वृद्धि दर का मतलब है कि देश में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, जबकि नकारात्मक वृद्धि दर आर्थिक मंदी का संकेत देती है।

भारतीय जीडीपी के प्रमुख घटक-
- कृषि क्षेत्र: कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है, जिसमें लगभग 50% जनसंख्या शामिल है। हाल के वर्षों में, कृषि क्षेत्र ने कई तकनीकी सुधारों को अपनाया है, जो उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
- उद्योग क्षेत्र: विनिर्माण और निर्माण उद्योग भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। “मेक इन इंडिया” जैसी पहल ने इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाया है।
- सेवा क्षेत्र: यह क्षेत्र भारतीय जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान देता है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, और टूरिज्म शामिल हैं।
भारतीय जीडीपी के विकास के लिए चुनौतियाँ-
- महंगाई: भारत में महंगाई दर एक बड़ी चिंता है, जो उपभोक्ता खर्च को प्रभावित करती है।
- बेरोजगारी: बढ़ती जनसंख्या के साथ, रोजगार के अवसर सीमित हो जाते हैं, जो आर्थिक विकास में बाधा डालते हैं।
- आवश्यक बुनियादी ढाँचा: कई क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे की कमी विकास में बाधा डालती है।
सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ-
भारतीय सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे कि “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” और “आत्मनिर्भर भारत अभियान”। ये योजनाएँ आर्थिक सुधारों को गति देती हैं और जीडीपी को बढ़ाने में मदद करती हैं।
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